मर्डर और यौन शोषण के मामले में सजायाफ्ता गुरमीत राम रहीम के पैरोल पर जेल से बाहर आते ही डेरे में नेताओं का आना-जाना शुरू हो गया है. हाल ही में पंजाब सरकार मंत्री फौजा सिंह सरारी के गुरु हर सराय कस्बे के डेरा सच्चा सौदा ‘नाम चर्चा घर’ के कार्यक्रम में शामिल हुए, जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया है.
फौजा सिंह सरारी पिछले शनिवार को ‘नाम चर्चा घर’ के कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां पर उन्हें डेरे के लोगों के द्वारा सम्मानित भी किया गया. हालांकि, डेरा सच्चा सौदा का कहना है कि फौजा सिंह सरारी को बुलावा नहीं भेजा गया था और वो वहां से गुजर रहे थे. इस दौरान स्थानीय लोगों ने अपनी समस्याएं बताने के लिए उन्हें रोक लिया और डेरे में ले आए. किसी खास कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया था.
हत्या के आरोपी गुरमीत राम रहीम के दरबार में हाजिरी लगाने के बाद पंजाब के कैबिनेट मंत्री फौजा सिंह सरारी विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं. सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि जब पंजाब सरकार बरगाड़ी हत्याकांड के दोषी के चरणों में गिर चुकी है तो न्याय की उम्मीद कैसे रखें.
वहीं, फौजा सिंह सरारी ने सफाई दी है और आरोप लगाते हुए कहा है कि घटना को गलत ढंग से पेश किया गया है. उन्होंने बताया कि वह डेरा सच्चा सौदा के किसी कार्यक्रम में नहीं गए थे.
अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार के आरोप में 20 साल कैद की सजा काट रहा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह हाल में सुनारिया जेल से 40 दिन की पैरोल पर बाहर आया, जिसके बाद वह बरनावा आश्रम गया. जेल से बाहर आने के बाद से राम रहीम बागपत में डेरा के बरनवा आश्रम से केवल ऑनलाइन सत्संग कर रहा है. राम रहीम को पिछले साल चार अन्य लोगों के साथ डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के आरोप में भी दोषी ठहराया गया था. डेरा प्रमुख और तीन अन्य लोगों को 16 साल से भी अधिक समय पहले एक पत्रकार की हुई हत्या के मामले में 2019 में दोषी करार दिया गया था.