आपने कई बार घर में परिवार के बड़े लोगों से ये कहते हुए सुना होगा कि शाम ढ़लने (Sun Set) के बाद फ्लां-फ्लां काम नहीं करने चाहिए. हम उनकी बात सुनते हैं लेकिन अक्सर उन्हें अंधविश्वास मानकर अनसुना कर जाते हैं. लेकिन असल में उन बातों के पीछे गहरा अर्थ छिपा होता है, जिसका उल्लंघन करने पर हमें गंभीर नुकसान भुगतने पड़ते हैं. अंधेरा ढलने के बाद ऐसे वर्जित कार्य करने से कई बार हंसते-खेलते परिवार उजड़ जाते हैं. आज हम आपको ऐसे 5 कार्यों के बारे में बताते हैं, जो शाम ढलने के बाद कभी नहीं करने चाहिए.
शाम के वक्त जब सूरज ढल रहा हो, तब भूलकर भी नहीं सोना चाहिए. शास्त्रों के मुताबिक उस वक्त सुबह और शाम दोनों का मेल हो रहा होता है. अवधि में जागने और प्रभु का स्मरण करने से शुभ फल मिलते हैं. ऐसे में जो लोग उस वक्त सो रहे होते हैं, वे इस पुण्य लाभ से वंचित रह जाते हैं. यही नहीं, शाम के वक्त सोने से उन्हें रात को नींद नहीं आती, जिससे उन्हें बीमारियां पनप जाती हैं.
जिंदगी में उधारी पर चीजों का लेन-देन चलता रहता है. लेकिन सूर्यास्त के बाद किसी को भी अपनी चीजें उधार नहीं देनी चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी अप्रसन्न हो जाती हैं, जिससे घर में दरिद्रता के प्रवेश करते हुए देर नहीं लगती.
शाम ढलने के बाद बुरी शक्तियों का प्रभाव बढ़ने लगता है. ऐसी शक्तियां अंधेरे में ज्यादा खतरनाक हो जाती हैं. ऐसे में सूर्यास्त के बाद कभी भी घर में अंधेरा नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने से नकारात्मक शक्तियों का प्रवाह बढ़ सकती है. इसके बजाय शाम को घर के बल्ब जलाएं और प्रभु के आगे दीपक प्रज्वलित करें.
सूर्यास्त के बाद उंगलियों के नाखून और सिर के बाल कटवाना अशुभ माना जाता है. कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में धनाभाव के साथ ही सेहत से जुड़ी दिक्कतें भी झेलनी पड़ती हैं. साथ ही परिवार में भी कलह बढ़ता है, इसलिए शाम के वक्त यह कार्य करने से बचना चाहिए.
सनातन संस्कृति में घर आए मेहमान को ईश्वर का दर्जा दिया गया है. कहा जाता है कि अगर कोई शाम के वक्त (Sunset Rules) घर आए तो उसे भूखे पेट कभी वापस न जाने दें. मान्यता है कि जब वह अतिथि भोजन करके घर से निकलता है तो परिवार को खूब आशीष देकर जाता है, जिससे वह परिवार फलता-फूलता जाता है.