दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर भारत में आज भूकंप के झटकों ने लोगों में डर माहौल बना दिया है. आज (शनिवार) एक ही मिनट में 3 बार धरती कांप उठी. इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 मापी गई. एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिल्ली को हिमालय रीजन बेल्ट से काफी खतरा है. ऐसे तो दिल्ली में किसी बड़े भूकंप के आने की संभावना कम ही है लेकिन इसके खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता है. कम से कम 3 से लेकर 3.9 तीव्रता के झटके को इंसान महसूस कर सकता है. आइए जानते हैं कि ज्यादातर भूकंप के झटके उत्तर भारत के इलाकों में ही क्यों महूसस किए जाते हैं.
भूकंपीय जोन के हिसाब से भारत को 4 भागों में बांटा गया है जिसमें जोन-2, जोन-3, जोन-4 और जोन-5 शामिल है. इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक जोन 5 को बताया गया है. पूरे पूर्वोत्तर को इस जोन रखा गया है. एक्सपर्ट्स की मानें तो यहां 9 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है जो भयंकर तबाही मचाने की क्षमता रखता है. इस जोन में जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड गुजरात में कच्छ का रन, उत्तर बिहार का कुछ हिस्सा और अंडमान निकोबार द्वीप समूह को रखा गया है.
जोन 4 में मुंबई, दिल्ली, पश्चिमी गुजरात, उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश के पहाड़ी इलाके और बिहार-नेपाल सीमा के कुछ इलाके को रखा गया है. यहां भूकंप आने का खतरा काफी होता है. भूकंप के लिहाज से इन इलाकों को भी खतरनाक माना गया है. जोन 3 में केरल, बिहार, पूर्वी गुजरात, उत्तरप्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, पश्चिमी राजस्थान और मध्यप्रदेश के कुछ हिस्से को अंकित किया गया है. जबकि जोन 2 में तमिलनाडु, राजस्थान और मध्यप्रदेश का कुछ हिस्सा, पश्चिम बंगाल और हरियाणा रखा गया है. यहां भूकंप के झटके कम महसूस किए जाते है.