हिंदू धर्म में पीले रंग का विशेष महत्व है. पूजा-पाठ में इस रंग का विशेषतौर पर इस्तेमाल होता है. विवाह के दौरान भी दुल्हन को पीले रंग की साड़ी पहनकर सात फेरे लेते देखा जाता है. पीले रंग का संबंध बृहस्पति ग्रह से है. देव गुरु बृहस्पति को शुभ कार्यों को कराने वाला ग्रह कहा जाता है. पीला रंग बृहस्पति का प्रधान रंग है. इस रंग का व्यक्ति के पाचन तंत्र, रक्त संचार और आंखों पर सीधा प्रभाव पड़ता है.
कहा तो ये भी जाता है कि पीले रंग के अंदर मन को बदलने की क्षमता होती है. इस रंग को शुभता का प्रतीक माना जाता है. ज्योतिष अनुसार यह नकरात्मक विचारों को दूर करता है. मन को शांत करता है और उसे कुविचारों से दूर रखने का काम भी करता है. पीला रंग पहनने से गुरु ग्रह को मजबूती मिलती है.
पीले रंग के महत्व के बारे में जानें- पीले रंग का इस्तेमाल पूजा में खासतौर से किया जाता है. मकान की बाहरी दीवारों पर इस रंग का पेंट करना अच्छा माना जाता है. नकारात्मक ऊर्जा को अपने से दूर रखने के लिए भी इस रंग के रुमाल का प्रयोग लाभदायक माना गया है. हल्दी का तिलक मन को सात्विक और शुद्ध रखने का काम करता है. पीला रंग भगवान विष्णु का भी प्रिय माना जाता है. इसी के चलते लोग गुरुवार को इस रंग के वस्त पहनना शुभ मानते हैं. गुरुवार को भगवान विष्णु का दिन माना जाता है.
हालांकि इस रंग का इस्तेमाल करते समय कुछ बातें ध्यान में रखने की जरूरत होती है. लेकिन अगर आप इस रंग का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. इसके इस्तेमाल से आंखों और सिर में भारीपन लग सकता है.